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फ़िलिस्तीन के पक्ष में पोस्टर प्रदर्शनी लगाने पर गोरखपुर में दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर दर्ज़ हुई एफ़आईआर!उत्तर प्रदेश पुलिस शर्म करो!फ़र्ज़ी मुक़दमे लगाना बन्द करो!! एक तरफ़ सत्ताधारी भाजपा सरकार फ़िलिस्तीन में शान्ति बहाल करने के लिए पाखण्डपूर्ण बयानबाजी कर रही है। दूसरी ओर, देश में फ़िलिस्तीन के पक्ष में होने वाली हर गतिविधि और प्रदर्शन पर रोक लगाने और उनका दमन करने पर आमादा है। कल गोरखपुर में दिशा छात्र संगठन द्वारा फ़िलिस्तीन में पिछले एक साल से ज़ारी इज़रायली बर्बरता के ख़िलाफ़ पोस्टर प्रदर्शनी लगाने पर दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर एफ़आईआर दर्ज़ कर दी गयी है। दिशा छात्र संगठन के केन्द्रीय कार्यकारिणी की सदस्य अंजलि के साथ ही रूबी, दीपक, धर्मराज, सौम्या, अदिति और शेषनाथ पर मुक़दमा दर्ज़ कर दिया गया है। इनमें दो साथी अदिति और शेषनाथ इस कार्यक्रम में शामिल भी नहीं थे, लेकिन उनको भी फ़र्ज़ी तरीक़े से फँसा दिया गया है। इसी तरह एफ़आईआर में किसी सुमन का भी नाम जोड़ दिया गया है जबकि सुमन नाम का कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल नहीं था। समझा जा सकता है कि यह पूरी कार्रवाई ही फ़र्ज़ी तरीक़े से एफ़आईआर दर्ज़ करके दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं का मानसिक उत्पीड़न करने और उनको डराने के उद्देश्य से की गयी है।ज़ाहिर है कि दिशा छात्र संगठन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम एक शान्तिपूर्ण पोस्टर प्रदर्शनी का कार्यक्रम था, जिसमें इलाक़े में नागरिकों के बीच पोस्टर प्रदर्शनी लगाकर तथा पर्चे वितरित करके फ़िलिस्तीन में जारी ज़ायनवादी नरसंहार के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी जनता के संघर्ष के पक्ष में खड़े होने का आह्वान किया जा रहा था। यह भी स्पष्ट है कि कार्यक्रम स्थल पर किसी तरह की धारा 144 जैसा कोई प्रावधान लागू नहीं था। इसके बावजूद गोरखपुर पुलिस द्वारा जानबूझकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए इस शान्तिपूर्ण प्रदर्शन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2) और 223 में मुक़दमा दर्ज़ कर दिया गया है। ताकि गोरखपुर पुलिस सत्ता में बैठे अपने फ़ासीवादी आकाओं को खुश कर सके। लेकिन इस एफ़आईआर से दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के हौसलों पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला है। हम फ़िलिस्तीनी जनता के पक्ष में तथा हर तरह के न्यायपूर्ण सवालों पर अपनी आवाज़ ऐसे ही बुलन्द करते रहेंगे। हम गोरखपुर पुलिस से यह माँग करते हैं कि वह इस फ़र्ज़ी एफ़आईआर को रद्द करे और दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बन्द करे। ... See MoreSee Less
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फ़िलिस्तीनवे तबाह नहीं कर सकतेतुम्हें कभी भीक्योंकि तुम्हारी टूटी आशाओं के बीचसलीब पर चढ़े तुम्हारे भविष्य के बीचतुम्हारी चुरा ली गयी हँसी के बीचतुम्हारे बच्चे मुस्कुराते हैंध्वस्त घरों, मकानों और यातनाओं के बीचख़ून सनी दीवारों के बीचज़िन्दगी और मौत की थरथराहट के बीच- फदवा तुकन7 अक्टूबर 2023 के बाद से ही ज़ायनवादियों द्वारा फ़िलिस्तीन में बर्बरता की एक नयी दास्तान लिखी जा रही है। पिछले 1 साल में फ़िलिस्तीन में 45,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें 20,000 से ज्यादा बच्चे हैं। 10,000 से अधिक लापता और 1 लाख से अधिक घायल हैं। यह केवल आंकड़े नहीं है बल्कि बर्बादी की वह तस्वीर है जो फ़िलिस्तीन का नाम आते ही हमारे सामने घूमने लगती है।जिस ज़ायनवादी इज़रायल द्वारा इस नरसंहार को अंजाम दिया जा रहा है वह कोई देश नहीं बल्कि अपराधियों का एक गिरोह है जिसने फ़िलिस्तीन के नागरिकों को उनके देश में ही बेदख़ल करके उनके घरों, उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा कर लिया है।कल दिशा छात्र संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, बनारस और गोरखपुर में फ़िलिस्तीन जनता के संघर्ष के समर्थन और इज़रायल द्वारा अंज़ाम दिये जा रहे बर्बर नरसंहार के विरोध में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, बनारस और गोरखपुर में नुक्कड़ सभाओं एवं पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।इलाहाबाद में सुबह खुसरो बाग में लगायी गयी पोस्टर प्रदर्शनी में संघी गुण्डों ने उत्पात मचाने की कोशिश की। उन्होंने दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और हाथापाई की भी कोशिश की लेकिन लोगों की ओर से मिल रहे समर्थन के कारण उन्हें उल्टे पांव भागना पड़ा। शाम के समय इलाहाबाद में करेली के अलग-अलग इलाक़ों में पोस्टर प्रदर्शनी लगायी गयी और सभाएं की गयीं। बनारस में दिशा के कार्यकर्ताओं ने बजरडीहा में नुक्कड़ सभाएं की। गोरखपुर में दिशा छात्र संगठन द्वारा इलाहीबाग में पोस्टर प्रदर्शनी और नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया।नुक्कड़ सभाओं के दौरान बड़े पैमाने पर पर्चे वितरित करते हुए लोगों से फ़िलिस्तीन के पक्ष में खड़े होने की अपील की गयी। ... See MoreSee Less
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बीएचयू प्रशासन शर्म करो!आन्दोलनकारी छात्रों पर निलम्बन की कार्रवाई वापस लो!बीएचयू प्रशासन की कारस्तानी देखिये! आईआईटी बीएचयू के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के मामले में हुई फ़र्ज़ी एफ़आईआर को आधार बनाकर 13 छात्रों को निलम्बित कर दिया गया है। निलम्बित किये गये छात्रों में दिशा छात्र संगठन के अमित के अलावा अलग-अलग छात्र संगठनों से जुड़े ऐसे छात्र शामिल हैं जो विश्वविद्यालय के तमाम सवालों पर लगातार बोलते और संघर्ष करते हैं। इन छात्रों को निलम्बित करने के साथ ही इनके हॉस्टल, स्कॉलरशिप/एचआरए आदि सभी सुविधाओं को एक महीने के लिए रोक दिया गया है।ग़ौरतलब है कि पिछले साल आईआईटी बीएचयू में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था। घटना के सामने आने के बाद पहले तो शासन-प्रशासन ने आरोपी भाजपा आईटी सेल के कार्यकर्ताओं को बचाने की हर सम्भव कोशिश की। उधर आरोपी मध्य प्रदेश में भाजपा का चुनाव प्रचार करते रहे जबकि दूसरी तरफ़ प्रशासन इसे छेड़खानी का मामला बनाने की कोशिश में लगा रहा। बाद में अख़बारों में पीड़ित छात्रा का बयान आने के बाद जब सामूहिक बलात्कार की धाराएँ जोड़ी भी गयीं तो अपराधियों की गिरफ़्तारी की कोई कोशिश नहीं हुई। इसके ख़िलाफ़ बीएचयू के लंका गेट पर छात्रों ने आन्दोलन शुरु किया तो आन्दोलन के तीसरे दिन संघ परिवार के बगलबच्चा संगठन एबीवीपी के गुण्डों ने आन्दोलनरत छात्रों पर विवि प्रशासन और पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में हमला किया और मारपीट की। बाद में प्रशासन की शह पर इन लम्पटों द्वारा आन्दोलनरत छात्रों पर ही फ़र्ज़ी एफ़आईआर दर्ज़ करा दी गयी। जबकि पीड़ित छात्रों का एप्लिकेशन तक बीएचयू प्रशासन ने आगे नहीं बढ़ाया।अब इस घटना के 11 महीने बाद उसी फ़र्ज़ी एफ़आईआर को आधार बनाकर निलम्बन की कार्रवाई शुरु की गयी है। ग़ौरतलब है कि बीएचयू प्रशासन की मंशा कैम्पस में हर तरह के जनवादी स्पेस को कुचल कर ऐसे छात्रों का मुँह बन्द करा देने की है जो बीएचयू कैम्पस के भीतर छात्रों के हक़ों-अधिकारों से लेकर छात्राओं की सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर मुखरता से बोलते रहे हैं। यही वजह है कि उन गुण्डे तत्वों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी, जिनसे बचाव के नाम पर बीएचयू प्रशासन ने इस हमले के बाद ख़ुद आन्दोलनकारी छात्रों को घण्टों प्रॉक्टोरियल बोर्ड के कमरे में बन्द रखा था और जिनकी आपराधिक हरक़तें बीएचयू प्रशासन के सीसीटीवी कैमरों में भी क़ैद हैं।दिशा छात्र संगठन बीएचयू प्रशासन की इस शर्मनाक कार्रवाई की निन्दा करता है तथा जल्द-से-जल्द इसे वापस लेने की माँग करता है। ... See MoreSee Less
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शहीद-ए-आज़म भगतसिंह की 117वीं जयन्ती पर पब्लिक टॉकभगतसिंह की वैचारिक राजनीतिक विरासत और हमारा समयवक्ता:एस. इरफान हबीब (इतिहासकार, साइंस कॉमेंटेटर, भगतसिंह पर अनेक किताबों के रचयिता)प्रियम्वदा(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिशा छात्र संगठन)30 सितम्बर | सोमवार 5 pm | JNUSU ऑफिस (टेफलास)गूगल मीट लिंक के लिए सम्पर्क करें: 7428240370Commemorating 117th Birth Anniversary of Shaheed-e-Azam Bhagat SinghPublic TalkIdeological and Political Legacy of Bhagat Singh in our TimesSpeakers:S. Irfan Habib(Historian, Science Commentator and author of numerous books on Bhagat Singh)Priyambada(National Vice-President of Disha Students' Organization)30 Sept, Monday | 5 pm @JNUSU Office (Teflas)To Get Google Meet Link contact: 7428240370.........#BhagatSingh #revolutionary #Debate #discussion ... See MoreSee Less
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