अलीगढ़ में मॉब लिंचिंग करने वाले फ़ासीवादी हत्यारों को सज़ा दो!

गोरक्षा के नाम पर बने हत्यारे गिरोहों को प्रतिबन्धित करो!!

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक भयंकर ख़बर सामने आयी है। मीट का व्यापार करने वाले चार मुस्लिम युवकों पर गोमांस ले जाने का फ़र्ज़ी आरोप लगाते हुए बजरंग दल के गुण्डों ने मॉब लिंचिंग की कोशिश की। अपनी गाड़ी से बिक्री के लिए मीट लेकर आ रहे इन युवकों को रोककर पहले तो इन फ़ासीवादी गुण्डों ने 50,000 रुपये की उगाही करने की कोशिश की। पैसा देने से मना करने पर बजरंग दल और संघी गुण्डों ने गोमांस की अफ़वाह फैलाते हुए इन युवकों को पहले मार मार के अधमरा कर सड़क पर छोड़ दिया। ये युवक बार-बार रसीद और व्यापार का लाइसेंस दिखाते रहे लेकिन उसके बावजूद इनको पहले बुरी तरह पीटा गया, उसके बाद इनकी ट्रक में आग लगा दी गयी। इस पूरे दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस बर्बर घटना के बाद हिन्दुत्ववादी संगठन खुलेआम मीडिया में इस अपराध के पक्ष में बयान दे रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
भाजपा और संघ परिवार द्वारा पूरे देश में फैलायी गयी नफ़रत की राजनीति ने जगह-जगह ऐसे अपराधी गिरोहों को जन्म दिया है जो गोरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग करने से लेकर भयंकर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। गोरक्षा के नाम पर हरियाणा के चरखी-दादरी से लेकर उत्तर प्रदेश, झारखण्ड जैसे राज्यों में मॉब लिंचिंग करने, हत्याएँ करने और साम्प्रदायिक नफ़रत फैलाने वाले इन गुण्डा गिरोहों के ऊपर सत्ताधारी भाजपा और संघ परिवार का हाथ है। 2018 में मॉब लिंचिंग के अपराधियों को जब जमानत मिली तो भाजपा के केन्द्रीय मंत्री जयन्त सिन्हा ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। ज्ञात हो जो भाजपा और संघ आज गोरक्षा के नाम पर इंसानों की हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं, उसी भाजपा पार्टी का नेता रह चुका संगीत सोम गोमांस का व्यापार करता था और देश के सबसे बड़े बूचड़खानों में से एक का मालिक था। बहुत दिन नहीं बीते जब केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री शान्तनु ठाकुर ने बीएसएफ़ से अपने एक परिचित को तीन किलोग्राम बीफ़ सीमा पार ले जाने की अनुमति देने के लिए सिफ़ारिश की थी। गोवा और उत्तर-पूर्वी राज्यों में भाजपा के नेता चुनाव के दौरान बीफ़ पर प्रतिबन्ध न लगाने और बीफ़ की आपूर्ति में कमी न आने देने का वादा करते नज़र आते हैं। तमाम बीफ़ कम्पनियों से बड़े पैमाने पर चन्दा लेने वाली भाजपा सरकार के गाय प्रेम की असली सच्चाई यही है।
वास्तव में गाय इनके लिए ऐसा राजनीतिक जानवर बन चुका है जिसके आधार पर यह साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को अंजाम देने का काम आराम से करते हैं। इन घटनाओं में यह बात साफ़ है कि बिना सत्ता के संरक्षण के इस तरह के संगठित और योजनाबद्ध आपराधिक गिरोहों का फलना-फूलना और ऐसे अपराधों को अंजाम देना असम्भव है। एक तरफ़ बिना किसी अपराध के अपने साम्प्रदायिक नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार लोगों के घरों और दुकानों पर बुल्डोजर चलाती रहती है। दूसरी ओर इस तरह के बर्बर हत्याओं को अंजाम देने वाले अपराधियों को घटना के चौबीस घण्टे बीत जाने के बाद भी गिरफ़्तार तक नहीं किया जाता है।
दिशा छात्र संगठन भाजपा और संघ परिवार की इस साम्प्रदायिकता की राजनीति के ख़िलाफ़ छात्रों-युवाओं से एकजुट होने का आह्वान करता है। हमारी माँग है कि इन अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ़्तारी की जाये और इनके ऊपर कठोर कार्रवाई की जाये। इसके साथ ही गोरक्षा के नाम पर बने बजरंग दल जैसे हत्यारे गिरोहों को प्रतिबन्धित किया जाये।