आज पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में दिशा छात्र संगठन द्वारा छात्रों के बीच शिक्षा और रोज़गार के मुद्दे पर आधारित नाटक ‘ राजा का बाजा’ का मंचन किया गया| जहाँ आज भी पढ़े लिखे बेरोजगारों की करीब 4 करोड़ की तादाद है और आज डिग्रीयां लेकर भी बाज़ार में उनका कोई मूल्य नहीं रह गया हैं| मास्टर करके भी लोग रेलवे के खलासी पद का फॉर्म भरते हैं और प्रतिस्प्रद्धि परीक्षाओं की तैयारी में सालों-साल लगे रहते हैं| आज इसी युवा आबादी की असहायता का लाभ उठा कर तमाम निजी कोचिंग संसथान कुकुरमुत्ते की तरह हर जगह पनप रहे है और इससे अपना करोड़ो का धन्धा चला रहे हैं| पटना में ‘भिखना पहाड़ी’ ऐसी ही एक जगह है और आज वहीँ पर दिशा छात्र संगठन द्वारा आम छात्रों युवाओं के बीच अपनी बात पोस्टर प्रदर्शनी, गीतों व नाटक के ज़रिये पहुंचाई गयी|
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