दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग की ओर से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संयुक्त रूप में चलाये जा रहे पिंजड़ा तोड़ो अभियान के तहत आज महिला छात्रावास परिसर के गेट पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया. इसके बादइलाहाबाद विश्वविद्यालय के उपकुलपति और डी.एस.डब्ल्यू. (डीन स्टूडेंट वेलफेयर) को सम्बोधित ज्ञापन सौंपे गए जिसमे यह मांग की गयी कि महिला छात्रावास परिसर के अन्दर के सभी हॉस्टलों को 24 घन्टे खोले रखा जाय. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन का चरित्र एक बार फिर से सबके सामने आया. सबसे पहले ज्ञापन लेते हुए विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर यह बात मानने को तैयार ही नहीं थे कि इसमें जनवादी अधिकारों, समानता आदि जैसी कोई बात है. उनका कहना था कि जिनको इन नियमों से कोई ऐतराज़ है वो हॉस्टल छोड़ के जा सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन का यह मानना है कि हॉस्टल की किसी भी दिक्कत के बारे में केवल और केवल हॉस्टल में रहने वाली छात्राएँ ही बोल सकती हैं. बाद में बहस छात्राओं के दबाव बनाने के बाद उन्होंने ज्ञापन स्वीकार किया तथा आगे की कार्यवाही के लिए हॉस्टल के सुपरीटेंडेंट से बात करके इसका हल निकालने का आश्वासन दिया|
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