दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग की ओर से संयुक्त रूप में आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास परिसर में पिंजड़ा तोड़ो आन्दोलन की शुरुआत की गयी. यूं तो बात-बात पर लोकतंत्र और समानता की दुहाई दी जाती है लेकिन पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के महिला छात्रावासों में 9 बजे ही ताले लगा दिए जाते हैं जो कि छात्राओं के जनवादी अधिकारों का हनन है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास परिसर में 8 हॉस्टल हैं. महिला छात्रावास परिसर के मुख्य दरवाजे को रात में 9 बजे बन्द कर दिया जाता है. इसके साथ ही साथ परिसर के भीतर हॉस्टलों के दरवाजे भी 9 बजे बन्द कर दिए जाते हैं. रात में 9 बजे के बाद छात्राएँ परिसर के भीतर भी एक हॉस्टल से दूसरे हॉस्टल में जाकर दूसरी छात्राओं से मिल तक नहीं सकतीं. वहीं दूसरी ओर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के छात्रावासों में 24 घंटे बेरोकटोक आवाजाही होती है. आन्दोलन के पहले दिन आज महिला छात्रावास परिसर के अन्दर हॉस्टलों के दरवाजों को 24 घंटे खुला रखने को लेकर हॉस्टलों में परचा वितरित किया गया और हस्ताक्षर अभियान चलाया गया तथा पोस्टर लगाये गए| [wds id=”4″]