अव्यवस्था और सरकारी कुप्रबन्धन की सालाना नुमाइश बन चुकी है उत्तर प्रदेश पीईटी परीक्षा!

ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा करायी जाने वाली यह परीक्षा किसी नौकरी की परीक्षा नहीं है बल्कि इस परीक्षा में पास होने के विभिन्न सरकारी नौकरियों की परीक्षा में बैठने की शर्त है। कहने की ज़रूरत नहीं है कि यह कुल मिलाकर छात्रों की जेब से सरकारी वसूली का ही एक तरीक़ा है जिसके लिए छात्रों को जान तक जोख़िम में डालनी पड़ती है। फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा केन्द्रों तक आने-जाने आदि के माध्यमों से लाखों छात्रों से हर साल करोड़ों-अरबों की कमाई उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के छात्र-विरोधी रवैये को उजागर करने के लिए काफ़ी है।

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