दिशा छात्र संगठन की ओर से सभी प्रोन्नत छात्रों को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक सुनिश्चित करने और अंक सुधार परीक्षा कराने की माँग को लेकर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।


प्रदर्शन में बात रखते हुए संगठन के अविनाश ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। पिछले दिनों छात्रों के दबाव की वजह विश्वविद्यालय को स्नातक प्रथम वर्ष और परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के छात्रों को प्रोन्नत करना पड़ा था। अब विश्वविद्यालय छात्रों को अंक वितरित करने में मनमानी कर रहा है। देश में बहुत से विश्वविद्यालय, प्रतियोगी परीक्षाएं ऐसी हैं जिसमें शामिल होने के लिए न्यूनतम 60 फीसदी अंक की जरूरत होती है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अड़ियल रुख़ अपना रहा है और सबको न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक देने की मांग को मानने से इनकार कर रहा है। और तो और, छात्रों को अंक सुधार परीक्षा में बैठने से भी रोकने की तैयारी चल रही है। हमारा यह मानना है कि अंक सुधार परीक्षा छात्रों का हक़ है। अगर विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी इन माँगो को नही मानता है तो आगे इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

दिशा छात्र संगठन की ओर से हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक तृतीय वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत करते समय न्यूनतम 60% अंक सुनिश्चित करने और अंक सुधार परीक्षा में शामिल होने का अवसर देने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन की खबर विभिन्न अखबारों में भी प्रकाशित हुई।

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