‘एसएससी’ के अभ्यर्थियों पर ज़ुल्म करने वाली मोदी सरकार मुर्दाबाद !

दोषरहित परीक्षा व्यवस्था और भ्रष्टाचारमुक्त भर्ती प्रक्रिया लागू करो !

साथियो, ‘एसएससी’ (स्टाफ सेलेक्शन कमीशन/कर्मचारी चयन आयोग) द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों-युवाओं ने 24-25 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में दो दिवसीय धरने का आह्वान किया था। इस धरने में देशभर से सैकड़ों अभ्यर्थी पहुँचे थे। प्रदर्शनकारी युवा माँग कर रहे थे कि एसएससी की परीक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही तमाम तरह की ख़ामियों को दूर करके अनियमितताओं के लिए ज़िम्मेदारी व जवाबदेही तय होनी चाहिए। दोषियों पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। अभ्यर्थियों की ये माँगें बिल्कुल जायज़ माँगें हैं और दिशा छात्र संगठन भी इनका पुरज़ोर समर्थन करता है।
24-25 अगस्त के हालिया धरने के पहले दिन की देर शाम को दिल्ली पुलिस के द्वारा प्रदर्शनरत अभ्यर्थियों के साथ मार-पीट और धक्का-मुक्की की गयी। यही नहीं 50 के क़रीब अभ्यर्थियों को हिरासत में भी ले लिया गया। कई मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया गया और उनके साथ छीना-झपटी की गयी। इसका कारण यह भय था कि कहीं सच्चाई लोगों के सामने न आ जाये। पुलिस ने बेबस छात्रों पर अपने इस हमले का कारण धरने की समय सीमा का समाप्त होना बताया। इस धरने में भाग लेने हेतु बहुत से अभ्यर्थी देश के दूर-दराज के इलाक़ों से आये थे। उनके पास दिल्ली में कोई ठौर-ठिकाना नहीं था और ऊपर से बारिश भी हो रही थी। इसी कारणवश कुछ अभ्यर्थी रामलीला मैदान में ही रुककर अपने लिए ठहरने का इन्तज़ाम कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने आव देखा न ताव और वह छात्रों-युवाओं पर सीधे डण्डे बरसाने लगी। इस पुलिसिया कार्रवाई में कई छात्र घायल हो गये और कइयों का सामान ग़ायब हो गया। प्रशासन ने अगले दिन यानी 25 अगस्त के धरने की अनुमति को भी रद्द कर दिया। दिल्ली पुलिस के असंवेदनशील और जनविरोधी रवैये को मोदी सरकार की सीधे तौर पर शह मिली हुई है। मोदी सरकार ने अपने विगत 11 वर्षों के कार्यकाल में छात्रों-युवाओं के सपनों को बेरहमी से कुचला है। परीक्षाओं में अनियमितता, भर्तियों में भ्रष्टाचार और तमाम तरह के अन्याय-अत्याचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना भी आज अपराध बना दिया गया है।
दोस्तो, ज़्यादा दिन नहीं बीते जब एसएससी फेज़ – 13 के अभ्यर्थी असुविधाओं, ख़राब मशीनों, सेण्टर दूर दिये जाने, परीक्षा रद्द होने, प्रवेश पत्र मिलने में देरी, अभद्र व्यवहार जैसे मुद्दों समेत तमाम तरह की तकनीकी और प्रशासनिक कमियों-ख़ामियों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। देश के दिल्ली, इलाहाबाद, पटना, बनारस, हैदराबाद, पुणे, कलकत्ता, चेन्नई, कोटा, जयपुर आदि आदि शहरों में रहकर तैयारी करने वाले लाखों-लाख छात्र-युवा ख़राब परीक्षा व्यवस्था और भर्तियों में धाँधली की मार आये दिन झेल रहे हैं। अपनी समस्याओं को लेकर जब-जब अभ्यर्थी सड़कों पर उतरते हैं तो पुलिस प्रशासन, दलाल नेता और घाघ अफ़सर तमाम तरह के हथकण्डे अपनाकर आन्दोलनों को तोड़ने में जुट जाते हैं। दोस्तो, हमें अपनी ताक़त को पहचानना होगा। यदि हम एकजुट हो जायें तो हम केन्द्र और राज्यों के स्तर पर करोड़ों खाली पड़े पदों हेतु भर्ती निकालने के लिए सरकारों को झुका सकते हैं। हम अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही सरकारों को नाकों चने चबवा सकते हैं। हमारी फ़ौलादी एकजुटता के सामने ज़ालिम पुलिस के डण्डे, आँसू गैस के गोले और वाटर कैनन के अमले धरे के धरे रह जायेंगे।
दिशा छात्र संगठन का मानना है कि देशभर की तमाम परीक्षाओं की प्रक्रिया पूरी तरह से दोषरहित व पारदर्शी होनी चाहिए और भर्ती प्रक्रिया को भ्रष्टाचारमुक्त बनाया जाना चाहिए। भर्ती आयोग और एजेंसियों की ग़लतियों के कारण दिक़्क़त-परेशानी झेल रहे अभ्यर्थियों को मुआवज़ा दिया जाना चाहिए। परीक्षार्थियों के लिए यातायात और ठहराव का उचित प्रबन्ध किया जाना चाहिए। प्रशासनिक और तकनीकी ख़ामियों के लिए ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की अनियमितता और गड़बड़ी पाये जाने पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जानी चाहिए। पेपर लीक और भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्तियों को सख़्त सजा मिलनी चाहिए। दोस्तो, यह सब अपने आप नहीं होने वाला है बल्कि हमें इसके लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। एसएससी के अभ्यर्थियों पर दिल्ली पुलिस के दमनात्मक कुकृत्य की हम भर्त्सना करते हैं और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की माँग करते हैं।
– दिशा छात्र संगठन
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